आरती के उपरांत अमृत फल की चटनी के साथ औषधीय गुणों से युक्त प्रसाद खिचड़ी भोज

आरती के उपरांत अमृत फल की चटनी के साथ औषधीय गुणों से युक्त प्रसाद खिचड़ी भोज
संवाददाता राधेश्याम गुप्ता
बलरामपुर में अवधूत भगवान राम आश्रम धुसाह बलरामपुर में महाकुंभ के प्रथम स्नान दिवस एवं योगनी मां मैत्रायणी के महानिर्वाण दिवस पर खिचड़ी भोज का भव्य- दिव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जमीन पर पालथी मार कर अमृत फल आंवला की चटनी के साथ खिचड़ी भोज का कार्यक्रम किया गया जिसमें मुख्य अतिथि रवीन्द्र गुप्ता कमलापुरी गौ सेवक,विशिष्ट अतिथि बाल मुकुंद व राम नारायण सिंह ने मंदिर में आरती के उपरांत अमृत फल की चटनी के साथ औषधीय गुणों से युक्त प्रसाद खिचड़ी भोज के कार्यक्रम मे मौजूद रहे जिसमें डॉ आर एन सिंह ने कहां की जमीन पर बैठकर भोजन करने का वैज्ञानिक महत्व बताते हुए कहा कि पालथी मार कर बैठने से शरीर मंदिर के आकार का होता है और जब हाथ से भोजन छूते हैं तो अंगुलियां सेंसर की तरह तुरंत मस्तिष्क के द्वारा पेट को भोजन का आभास कराती है जिससे पेट भोजन पचाने के लिए पाचन रस निकालने लगता है और भोजन का पाचन अच्छा होता है,पालथी मार कर बैठने से कमर के नीचे ब्लड सर्कुलेशन बहुत कम होता है जिससे पेट की नसों में ब्लड अधिक मात्रा में इकट्ठा होकर पेट पर दबाव डालता है और पेट फैलने सिकुड़ने लगता है पेट के फैलने सिकुड़ने से भोजन का पाचन अच्छा होता है जमीन पर बैठकर भोजन करने से आत्मिकता बढ़ती है इस प्रकार की संस्कृति एवं आदरभाव ही सनातन की पहचान है जिसमें काफी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया डॉ आर एन सिंह खंड कार्यवाह खंड बलरामपुर,रवीन्द्र गुप्ता कमलापुरी गौ सेवक युवा समाजसेवी बलरामपुर रामभुलन मिश्रा,राजित राम यादव,सुनील कुमार मिश्रा,व गुड़िया गुप्ता कमलापुरी मीरा सिंह,पिंकी सिंह संगीता त्रिपाठी,अर्चना सिंह,सुधा त्रिपाठी,प्रतिभा श्रीवास्तव सुषमा यादव,माला सिंह,और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किये।