रेबीज से मृत्यु दर शून्य करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य, सीएमओ ने कहा- सही समय पर हो इलाज तो बच सकती है जान

रेबीज से मृत्यु दर शून्य करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य, सीएमओ ने कहा- सही समय पर हो इलाज तो बच सकती है जान
राधेश्याम गुप्ता ब्यूरो चीफ बलरामपुर
बलरामपुर। जनपद बलरामपुर के समस्त ब्लॉकों के चिकित्सा अधिकारियों, फार्मासिस्ट , बीसीपीएम, स्टाफ नर्सों को रेबीज से बचाव के साथ ही टीकाकरण के तरीके आदि को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि यदि किसी को कुत्ते और बंदरों के काटने के बाद 0,3,7,28 दिन पर रेबीज का वैक्सीन के इंजेक्शन को इंट्रा डर्मल तरीके से लगा दिया जाय तो उसकी जान बचाई जा सकती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कुत्तों व बंदरों के बढ़ते हमले और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए शासन ने नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया है। इसके लिए तैयार एप्लीकेशन में जिले से लेकर ब्लॉक मुख्यालय की जानकारी विस्तृत विवरण के साथ दर्ज होगी। इससे कुत्ते काटने की घटनाओं की वास्तविक जानकारी सामने आ सके। साथ ही इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। प्रोग्राम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक रेबीज से मृत्यु दर शून्य करना है। रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए स्वास्थ्य अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार शुक्ला, डॉ अनिल कुमार चौधरी, डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।