*उर्वरक बिक्री में समितियां में हो रही मनमानी नैनो यूरिया और जिंक के बिना नहीं दी जा रही खाद*
*कई समितियां का चार्ज होने से सचिन नहीं दे पाते समय ओवर रेटिंग से किसान परेशान समिति के जिम्मेदार मालामाल*
*उर्वरक बिक्री में समितियां में हो रही मनमानी नैनो यूरिया और जिंक के बिना नहीं दी जा रही खाद*
*कई समितियां का चार्ज होने से सचिन नहीं दे पाते समय ओवर रेटिंग से किसान परेशान समिति के जिम्मेदार मालामाल*
*9टीवी*
*मो सैफ*
*कौशाम्बी।* सहकारी समितियो में किसानों को सरकारी मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने का निर्देश हवा हवाई साबित हो रहा है जिंक और नैनो यूरिया के बिना किसानों को खाद नहीं मिल रही है समितियो के जिम्मेदार किसानों से मनमानी तरीके से उर्वरक की वसूली कर रहे हैं जिससे किसान परेशान है लेकिन उनके सामने मजबूरी है कि वह शिकायत करने अधिकारियों के यहां जाएंगे तो उनकी फसल की बुवाई का समय खत्म हो जाएगा इसलिए वह समितियो की तानाशाही को बर्दाश्त कर बढ़े मूल्य पर उर्वरक लेने के लिए मजबूर हैं ताजा मामला चायल तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत चरवा के वार्ड नंबर 9 सरदार पटेल नगर नटका किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड का है इस समिति के कर्मचारी खुलेआम उर्वरक बिक्री में ओवर रेटिंग कर रहे है अधिक मूल्य पर उर्वरक बेची जा रही है यूरिया खाद का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित रेट 266.50 रुपए प्रतिबोरी है। किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में तैनात सचिव के द्वारा किसानों को यूरिया खाद 270 रुपए प्रतिबोरी दिया जाता है समिति में किसान परेशान है।
सहकारी समिति में अवस्था का आलम यह है कि इस समिति के सचिव के पास तहसील चायल व पहाड़पुर सुधवर की सहकारी समिति का अतिरिक्त चार्ज है कई समितियो की जिम्मेदारी मिलने के चलते सचिव समिति की अवस्थाओं को नहीं देख पाते हैं और समिति के कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं जहां एक तरफ किसानों को यूरिया खाद की किल्लत झेलना पड़ता है वही यह सचिव ओवर रेट में खाद किसानों को दे रहे है और अपने खास वालों को दस दस बोरी यूरिया खाद समिति के कर्मचारियों द्वारा दे दिया जाता है जिन किसानों से उनके मधुर संबंध है उन्हें नैनो यूरिया लेने का दबाव नही देता है और ना जिंक देता है छोटे किसानों को नैनो यूरिया व जिंक बिना जरूरत के साथ मे लगा कर दिया जाता है जिंक और नैनो यूरिया ना लेने वाले किसानों को समिति की खाद नहीं मिलती है और जो किसान नैनो यूरिया व जिंक लेने से मना कर देता है उसे सचिव यूरिया खाद भी नहीं देता है सचिव की तानाशाही से किसान परेशान है लेकिन सचिव की तानाशाही पर रोक लगाती नहीं दिख रही है सवाल उठता है कि जिन किसानों को अपने खेतों में जिस उर्वरक का प्रयोग करना है वह उसी को खरीदना चाहता है लेकिन समिति के जिम्मेदार जिंक और नैनो खाद जबरदस्ती किसानों को दे रहे हैं इसके बदले वह कीमत भी वसूल रहे हैं मनमानी तरीके से समिति का संचालन करने वाले सचिव पर कार्यवाही की मांग क्षेत्र के किसानों ने की है।