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*प्रोटान शिक्षक संघ गोरखपुर के तत्वावधान में डा.अम्बेडकर जी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन*

*प्रोटान शिक्षक संघ गोरखपुर के तत्वावधान में डा.अम्बेडकर जी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन*

*ज्ञानेश्वर बरनवाल ब्यूरो चीफ*

देवरिया गोरखपुर: अम्बेडकर चौक गोरखपुर में दिनांक 6 दिसंबर 2024 को गोरखपुर के आंबेडकर चौक पर प्रोफेसर टीचर एंड नॉन-टीचिंग इम्प्लाइज ऑर्गनाइजेशन (प्रोटॉन शिक्षक संघ उ. प्र.) द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने बाबा साहब के विचारों को याद करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।मंडल अध्यक्ष रेखा रामचंद्रन ने अपने उद्बोधन में बाबा साहब के शिक्षा पर दिए गए विचारों को दोहराते हुए कहा कि, “शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा वह जरूर दहाड़ेगा।” उन्होंने समाज में शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने हमेशा हर वर्ग को शिक्षित करने की दिशा में काम किया और हमें उनके विचारों को अपनाकर समाज में जागरूकता लानी चाहिए।मंडल उपाध्यक्ष डॉ. सीमा गौतम ने कहा कि बाबा साहब का जीवन संघर्ष और सेवा का उदाहरण है। उन्होंने समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए संघर्ष करते हुए कहा था, “मैं उस धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की शिक्षा दे।” डॉ. सीमा ने इस विचार को समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने का मार्ग बताया।

जिलाउपाध्यक्ष सावन गहलोत ने बाबा साहब के संविधान निर्माण में योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे संविधान की खूबसूरती इस बात में है कि यह कमजोर से कमजोर व्यक्ति को ताकतवर से ताकतवर व्यक्ति के बराबर खड़ा करता है।” उन्होंने संविधान को देश की आत्मा बताते हुए इसके संरक्षण और पालन पर बल दिया।
जिला सचिव प्रदीप पासवान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बाबा साहब ने अपने जीवन में जो संघर्ष किया, वह हम सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए,” और सभी को अपने जीवन को महान बनाने के लिए समाज के लिए योगदान देने का आह्वान किया।
सचिन पासवान जिलाध्यक्ष जी ने बाबा साहब के विचार “जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वह आपके किसी काम की नहीं,” को उद्धृत करते हुए समाज में व्याप्त असमानताओं को समाप्त करने के लिए एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुरेंद्र बाल्मीकि ने बाबा साहब के संघर्षमय जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि उनका विचार था कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे समाज को सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी से शिक्षित होने और दूसरों को शिक्षित करने का आह्वान किया।
पवन कुमार ने बाबा साहब के इस विचार को प्रस्तुत किया कि, “संविधान केवल कागज का एक टुकड़ा नहीं है, यह देश के हर नागरिक की गरिमा का प्रतीक है।” उन्होंने संविधान को न केवल समझने, बल्कि उसे हर स्तर पर लागू करने का आग्रह किया।
रत्नेश कुमार ने बाबा साहब के विचार “सपने देखो और उन्हें पूरा करने की कोशिश करो, यह जीवन का असली उद्देश्य है,” को साझा करते हुए युवाओं को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।रवि रंजन ब्रांच मैनेजर पीएनबी,बालेंद्र कुमार, अरुण, जयशंकर प्रसाद, रवि यादव, संगम, योगेंद्र, कमल भास्कर, चंद्र प्रकाश, विनोद कुमार, आकाश पासवान, रामफल, ओम प्रकाश, नवीन कुमार, प्रमिला पासवान, नीलम प्रजापति, रोहित पासवान, अंकित गौतम, अजय कुमार और ध्रुव कुमार ने भी बाबा साहब के विचारों को साझा किया तथा सैकड़ों शिक्षक श्रद्धांजलि सभा से उपस्थित रहे और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया व सभा में उपस्थित सभी लोगों ने बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज में समानता और न्याय की स्थापना करने का प्रण लिया।

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