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*सिकटा प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत में मनरेगा योजना में मस्टरोल में बन रही मजदूरों की फर्जी हाजरी।*

*सिकटा प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत में मनरेगा योजना में मस्टरोल में बन रही मजदूरों की फर्जी हाजरी।*

*केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को खा रहा भ्रष्टाचार का दिमक*

*मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के नित नए कीर्तिमान को स्थापित किए जा रहे है।*

*इस भ्रष्टाचार की खेल में मनरेगा कार्यालय से लेकर रोजगार सेवक एवं मुखिया की अहम भूमिका।*

डी एन शुक्ला की रिपोर्ट।

पश्चिमी चम्पारण। बेतिया।यू कहे मनरेगा योजना मतलब भ्रष्टाचार योजना बन के रह गया है।*रोजगार की गारंटी हो न हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूरी गारंटी है*दरअसल मनरेगा में चौंकाने वाला मामला आएदिन उजागर होता रहता है । मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने वाली केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को मुखिया, पंचायत समिति सदस्य,मनरेगा पीओ एवं पंचायत रोजगार सेवक तथा पदाधिकारीओ के लिए कामधेनु गाय साबित हो रही हैं। इस योजना में भ्रष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है यूँ कहे की मनरेगा मे भ्रष्टाचार चरम पर है, साथ ही रोज़गार गारंटी योजना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।मामला पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा प्रखंड के ग्राम पंचायत सूर्यपुर
का है।हम आपको बता दे की सिकटा प्रखंड के ग्राम पंचायत राज सुर्जपुर के वार्ड नंबर 16 मे सानू साह के खेत से नरकट नाला कटाई सफाई कार्य हो रहा है
जिसका मस्टर रोल नंबर 544,545,546,547,548,549,550, 551,552,553,555,555है,जबकि दूसरा योजना छपीनिआ मे सोहन महतो के खेत से सनी मुखिआ के खेत तक बांध टूटने मे मिट्टी भारएवम उच्चकर हो रहा है जिसका मस्टर रोल नंबर 835,836,837,838,839,840,841,842,843,844 है।
जबकि इस योजना में एनएमएमएस पर हर रोज 210 मजदूरों की हाजरी बनाई जा रही है,12/04/2025 से 17/04/2025 तक 1260 इन दो योजना मे मजदूर का हाजरी बन गया है। जब इसके बारे मे रोजगार सेवक से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिए की हम देखते है। उन्होंने क्या जबाब दिए है आप ऑडियो क्लिप मे सुन सकते है। जब वहा के ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आठ से दस आदमी आते है और फोटो खिचवा के चले जाते है, अब सवाल यह उढ़ता है की क्या
एनएमएमएस पर हर रोज फर्जी मजदूरों की हाजरी बनाना लाजमी है. क्या मनरेगा मे यह नियम है?और तो और इस योजना मे डाली गईं मजदूरों की फोटो मे चार या पांच आदमी का फोटो जो की हर मस्टर रोल नंबर मे दिखाई देगा। उसऔर तो और जबकि हाजरी मे आधा मर्द तो आधा औरत का बन रहा है। जबकि तस्वीरो मे सिर्फ मर्द को दिखाया गया है। इससे यह जाहिर होता है कि बिना काम करे हुए पैसे की निकासी की जा रही हैं।वही एनएमएमएस पर हर रोज एक ही मजदूरों वाली फोटो लगाकर हर रोज 8 से 10मजदूरों की हाजरी बनाई जा रही है। इससे स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना की विश्वनिता को कटघरे में खड़ा कर रहा है। पंचायत में भी रोजगार देने के नाम पर लूट हो रही है।इससे ज्यादा क्या कहूं। इस योजना को कामधेनु बनाने में सार्थक साबित होता दिख रहा है। अब सवाल यह उठता है कि,सरकार योजना बनाती है,उसे लागू कर राशि आवंटित भी करती है।इन योजनाओं को क्रियान्वयन के लिए विभाग के साथ ही अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ एक बड़ी फौज निगरानी के लिए नियुक्त की है। इसके बावजूद अधिकारी इस योजना पर निगरानी करने के वजाय इस योजना का कमाई का एक स्रोत मान बैठे हैं। ना विभाग के द्वारा भ्रष्टाचार्यों पर कोई कार्रवाई की जा रही है, जिसके कारण मनरेगा में आए दिन भ्रष्टाचार एक नए कृतिमान बना रहा है।सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रहा है फिर भी ओहदेदार पदाधिकारी इस पर मौन धारण किए हुए।अगर इन भ्रष्टाचार्यों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी तो वह दिन दूर नहीं होगा कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा भ्रष्टाचार योजना बन जाएगा।

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