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*पिछले वित्त वर्ष में चांदी में निवेश करने वालों हो गई चांदी, चांदी ने किया मालामाल: शंकर ठक्कर*

*पिछले वित्त वर्ष में चांदी में निवेश करने वालों हो गई चांदी, चांदी ने किया मालामाल: शंकर ठक्कर*

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के (एनडीए) सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद बाजारों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। हालांकि, वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में तेजी का रुख थोड़ा कमजोर पड़ गया फिर भी देस भर में चांदी ने निवेशकों को मालामाल कर दिया। एक साल में सबसे ज्यादा 35.56 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। सोना रिटर्न देने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। निवेशकों को 31.37 प्रतिशत की कमाई सोने के जरिए हुई है। बैंकों की एफडी ने भी निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। शेयर बाजार इस मामले में चौथे स्थान पर रहा। सोने-चांदी के दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले साल जुलाई में आए आम बजट में सरकार ने सोने के आयात शुल्क में नौ प्रतिशत की कमी कर दी थी फिर भी अंतरराष्ट्रीय बाजार बढ़ने से इसका घरेलू दामों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।

इसके बाद 15 प्रतिशत लगने वाला आयात शुल्क घटकर छह प्रतिशत हो गया था। सोने के दामों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई थी। इस दौरान लोगों ने बड़े पैमाने सोने की खरीदारी की। अब सोने के दाम नए शिखर पर हैं और चांदी भी आगे बढ़ रही है। शेयर बाजार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सकारात्मक रिटर्न दर्ज किया। हालांकि, साल की दूसरी छमाही में बाजार में अस्थिरता देखी गई। स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़ों के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स 5.34 प्रतिशत या 1,192 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ।कमजोर तिमाही नतीजों के कारण बाजार में दबाव आने से कुल मिलाकर सेंसेक्स ने 5.10 प्रतिशत या 3,763.57 अंकों की वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में शेयर बाजार ने निवेशकों को चौंकाते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ। जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एनडीए सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद बाजारों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। हालांकि, वित्त वर्ष की दूसरी छमाही ऊंचे वैल्यूएशन, विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली और भारतीय कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों के कारण बाजार दबाव में आ गया।

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 7 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, हालांकि अपने उच्चतम स्तर पर इसने 26.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। निफ्टी स्माल कैप 100 इंडेक्स में 5.40 प्रतिशत की बढ़त रही, जबकि अपने सर्वोच्च स्तर पर यह 29 प्रतिशत तक उछला। वित्त वर्ष 2024-25 में म्युचुअल फंड में निवेश 4500- 5000 करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय उथल-पुथल से बाजार में अस्थिरता आ गई। इसके चलते बाजार ने बहुत अच्छा रिटर्न नहीं दिया। निवेश मामलों के विशेषज्ञ के मुताबिक सोने-चांदी के दाम सर्वोच्च स्तर पर चल रहे हैं। विश्व के सभी केंद्रीय बैंक सोना खरीद रहे हैं। विश्व के अलग-अलग देशों में अभी भी युद्ध जैसे हालात हैं। शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों का रुझान सोना-चांदी में तेजी से बढ़ रहा है।

कैट से जुड़े संगठन ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया दो अप्रैल को व्हाइट हाउस अपने नए टैरिफ एजेंडे का खुलासा करेगा। टैरिफ घोषणा से पहले सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। हर किसी के दिमाग में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ट्रंप के नए टैरिफ में सोना शामिल होगा। अनिश्चितता ने पहले ही कीमतों को ऊपर धकेल दिया है।

केस स्टडी
एक निवेशक ने वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत में एक लाख का निवेश शेयर बाजार में किया था। एक साल में निफ्टी में 5.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान एक लाख रुपये बढ़कर 1,05,340 हो गया। इसी तरह पिछले साल 29 मार्च को सोने के भाव 70,600 रुपये प्रति 10 ग्राम थे। अब भाव 91,800 रुपये है। चांदी का भाव पिछले साल 77,400 रुपये प्रति किलो था। अब भाव 1,03,200 है। निवेशक ने पिछले साल में एक किलो चांदी में 25,800 रुपये का लाभ कमाया। जो 35.56 प्रतिशत है। वहीं, सोने के भाव में प्रति 10 ग्राम 21,200 रुपये का लाभ हुआ। इसका लाभ प्रतिशत 31.37 है।

वित्त वर्ष 2024-25 में मिला रिटर्न
चांदी- 35.56 प्रतिशत
सोना- 31.37 प्रतिशत
बैंक एफडी- 9.16 प्रतिशत
निफ्टी- 5.29 प्रतिशत
सेंसेक्स- 4.96 प्रतिशत

ऐआईजेजीएफ के राष्ट्रीय महामंत्री नितिन केडिया ने कहा कुल मिलाकर पिछले वर्ष में चांदी ने निवेशकों की चांदी कर दी और मालामाल किया इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग फिर एक बार सोना और चांदी में निवेश को सबसे बेहतर मानने लगे हैं।

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