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*सादड़ी विश्व महिला दिवस के अवसर पर विनायक पब्लिक स्कूल सादड़ी द्वारा विज्ञान मेला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया*

*सादड़ी विश्व महिला दिवस के अवसर पर विनायक पब्लिक स्कूल सादड़ी द्वारा विज्ञान मेला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया*

मुंबई/सादरी
ललित दवे

कार्यक्रम का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष खुमी देवी बावरी व मोहनलाल बलाई सी बी ई ओ देसूरी ने अपने करकमलों द्वारा फीता काटकर किया । विशिष्ट अतिथि डॉ परीक्षित (पशु चिकित्सा अधिकारी ),
डॉ मानसिंह भदोरिया (दंत चिकित्सक ),
आर .बी. नागराज सर (लिलिपुट स्कूल, सुमेरपुर),प्रमोद जी जैन ,चंदन सिंह,डॉक्टर हनवंतसिंह व डॉक्टर एल्सी राजपुरा व हिरसिंह वकील ने प्रथम कार्यक्रम का अवलोकन किया l

विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रकार के मॉडल संयंत्र चार्ट निर्मित किए जिसका अवलोकन शहर के प्रबुद्ध जन शिक्षाविद प्रधानाचार्य छगनलाल जी भाटी डी एम बी स्कूल सादड़ी
प्रधानाचार्य प्रकाश जी मालवीय, मंडीगढ़, प्रकाश जी मेवाड़ा सर, ॐ जी सर, अरुण सिंह सर, हेमलता मैडम, नरेन्द्र सर,
प्रवीण सर ,जोबा एवं विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया। छात्रों की विज्ञान के प्रति रुचि एवं मॉडल का प्रति प्रस्तुतीकरण बहुत ही शानदार तरीके से किया गया। संस्था के प्रबंधक आर .बी .विजय कुमार ने बताया कि छात्रों ने कड़ी मेहनत से सभी स्टाफ की मदद से मॉडल तैयार किये व अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। विज्ञान मेले में बच्चों ने 110 प्रोजेक्ट बनाए । इस विज्ञान मेले में कुल 145 विद्यार्थियों ने भाग लिया ।

विभिन्न विद्यार्थियों द्वारा कई प्रोजैक्ट बनाए जिनमें से
1. हाइड्रोलिक ब्रिज 2.टाइटेनिक जहाज 3. डीएनए 4. न्यूक्लियर थर्मल स्टेशन 5.मिसाइल लॉन्चर 6.हाइड्रोलिक क्रेन 7.थर्मल पावर प्लांट 8. रैन डिटेक्टर 9. हृदय व दिमाग की कार्यप्रणाली 10. आपदा प्रबंधन 11. मात्रा ज्ञान आदि विशेष आकर्षण का केंद्र थे l
शहर के नागरिकों द्वारा छात्रों की एवं विद्यालय परिवार की भूरी भूरी प्रशंसा की गई मेले में शहर के विभिन्न गणमान्य नागरिक द्वारा निरीक्षक किया गया।
इस विज्ञान मेले में कक्षा नर्सरी से नवमी कक्षा तक छात्र-छात्राओं ने अपने ज्ञान व क्षमता के अनुसार विभिन्न विज्ञान मॉडल का निर्माण किया। इनका परिश्रम देखते ही बनता है सभी बच्चों में एक विशेषता देखी गई कि वह हिंदी वह अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अपने मॉडलों को समझ रहे थे। जो अभिभावक एवं छात्र-छात्राओं ने इस विज्ञान मेले को देखा तो तो उन्होंने बच्चों की बहुत प्रशंसा की। इसके अलावा 10 अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्य शिक्षक शिक्षिका और बच्चों ने इस मेले में उपस्थित हो कर बच्चों की क्षमताओं को जाना।

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