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*चीनी के उत्पादन में और भी कटौती होने का अनुमान*

*मार्च में गन्ने की पर्याप्त आपूर्ति न होने के चलते उत्पादन में कटौती के आसार : शंकर ठक्कर*

*चीनी के उत्पादन में और भी कटौती होने का अनुमान*

*मार्च में गन्ने की पर्याप्त आपूर्ति न होने के चलते उत्पादन में कटौती के आसार : शंकर ठक्कर*

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ने बताया भारत में 2024-25 का चीनी उत्पादन सीजन अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है और उद्योग व्यापार क्षेत्र के विभिन्न संगठन अपने पुराने उत्पादन अनुमान की पुनः समीक्षा के बाद उसमें ओर भी कटौती होने का आकलन कर रहे हैं।

वर्तमान समय में जिस आंकड़ों पर उन संगठनों की आम सहमति देखी जा रही है उससे पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में 265-270 लाख टन के बीच चीनी का उत्पादन होने काअनुमान था। लेकिन सवाल उठता है कि क्या वास्तविक उत्पादन इससे भी कम हो सकता है। इस बारे में जानने के लिए अगले एक पखवाड़े तक इंतजार करने की जरूरत पड़ेगी।

उद्योग-व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों-समीक्षकों के रुझान से संकेत मिलता है कि चीनी के उत्पादन अनुमान को आगे और घटाया जा सकता है। उत्पादन के जो आंकड़े उभरकर सामने आ रहे हैं वे उत्साहवर्धक तो क्या संतोषजनक भी नहीं है।

चालू मार्केटिंग सीजन में अक्टूबर से जनवरी के चार महीनों में देश के अंदर 165 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ और तब तक बंद होने वाली इकाइयों की संख्या नगण्य रही थी।

लेकिन फरवरी 2025 के अंत तक चीनी का उत्पादन 220 लाख टन पहुंचा जबकि 177 मिलों में गन्ना की क्रशिंग बंद हो गई। इसका मतलब यह हुआ कि फरवरी में करीब 55 लाख टन चीनी का निर्माण हुआ जबकि देश की एक-तिहाई मिलें बंद हो गई हैं।

अब जो इकाइयां कार्यरत हैं उन्हें अपनी गतिविधियों को जारी रखने हेतु कच्चे माल (गन्ना) की पर्याप्त आपूर्ति के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है।

इसके फलस्वरूप चालू माह (मार्च) के दौरान समूचे देश में भारी संख्या में चीनी मिलों के बंद हो जाने की आशंका है। 250 लाख टन के आंकड़े तक पहुंचने के लिए अभी 30 लाख टन अतिरिक्त चीनी का उत्पादन होना आवश्यक है लेकिन मिलों की हालत को देखते हुए यह बहुत मुश्किल या चुनौती पूर्ण प्रतीत हो रहा है।

गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर घटती जा रही है। कुछ राज्यों जैसे कर्नाटक एवं तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान जुलाई-अगस्त में गन्ना की क्रशिंग होती है जिसमें 4-5 लाख टन चीनी का उत्पादन हो जाता है।

यदि उस आंकड़े को भी जोड़ लिया जाए तो भी 2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी का कुल घरेलू उत्पादन 260 लाख टन तक पहुंचना कठिन प्रतीत होता है। मध्य मार्च तक चीनी के उत्पादन का परिदृश्य काफी हद तक स्पष्ट हो जाने की उम्मीद है।

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