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*51 महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर पैदल नंगे पैर निकाली भव्य कलश यात्रा*

*51 महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर पैदल नंगे पैर निकाली भव्य कलश यात्रा*

*रामकिशोर यादव लखनऊ*

हाफिस खेड़ा गांव में 51 महिलाओं ने पीला वस्त्र धारण करके ढोल नगाड़े के साथ भक्ति में चूर होकर ठुमके लगाते हुए नंगे पैर कलश शोभायात्रा निकाली जो मां सिद्धेश्वरी धाम पर समाप्त हुई।

लखनऊ मलिहाबाद के गांव हाफिस खेड़ा,स्थान बूढ़े बाबा मंदिर से भव्य तैयारियां के साथ 51 महिलाओं ने नंगे पैर पीला वस्त्र धारण करके कलश शोभायात्रा निकाली जो ढोल लिंगड़ों के साथ राम राम व भोले की भक्ति में चूर होकर जमकर जयकारे लगाते हुए भक्तों ने ठुमके लगाए
कथावाचक अचिंत्य स्वामी द्वारका नंद जी महाराज ने बताया कलश धारण करने से मन को शांति मिलती है जो सच्चे मन से कलश को धारण करती है औरत उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है और बिगड़े हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं कथा का शुभ आरंभ 7 अप्रैल दिन सोमवार 2025 से स्थान बूढ़े बाबा मंदिर ग्राम हाफिस खेड़ा, पोस्ट कसमंडी कला मलिहाबाद लखनऊ मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई यह यात्रा गांव की गलियों से होते हुए कसमंडी कला, शिवदासपुर, फतेहनगर, गांव से होते हुए मां सिद्धेश्वर धाम पर समाप्त हुई जिसमें सैकड़ो के तादाद में बढ़ चढ़कर महिलाएं बुजुर्ग बच्चों ने लिया हिस्सा, कलश यात्रा के दौरान महिलाएं बुजुर्ग, बच्चे राम व महादेव के भक्ति ‘हर हर महादेव’ व राम-राम के जयकारे लगा रही थीं।
कथावाचक अचिंत्य स्वामी द्वारका नंद जी महाराज
व आयोजक समस्त ग्रामवासी व क्षेत्र वासी व भक्तगण नेतृत्व में।
सात दिवसीय इस धार्मिक आयोजन का समापन 13 अप्रैल को विशाल भंडारे व रात्रि में जवाबी कीर्तन के साथ होगा। गांव के सभी लोग इस पवित्र कार्य श्रीमद् भागवत कथा में बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दे रहे हैं। क्षेत्र के धार्मिक और सामाजिक जीवन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। कथावाचक अचिंत्य स्वामी द्वारका नंद जी महाराज जी ने बताया कि
कथा सुनने से तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं और इससे भक्तों को मन की शांति मिलेगी कार्यक्रम में गांव की समस्त कथा समिति द्वारा विधि विधान से पूजा पाठ व हवन करने के बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा

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