**देश के बुजुर्ग लोगों को कोरोना काल से पूर्व रेलवे टिकट में मिलने वाली छूट बहाल की जाए – शंकर ठक्कर*

**देश के बुजुर्ग लोगों को कोरोना काल से पूर्व रेलवे टिकट में मिलने वाली छूट बहाल की जाए – शंकर ठक्कर*
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में घाटे का रोना रोकर भारतीय रेलवे में देश की 58 वर्ष कासे ऊपर की आयु की बुजुर्ग महिला होने पर 50% की छूट मिलती थी तथा 60 वर्ष से ऊपर की आयु के पुरुष बुजुर्गों को किराए में 40% की छूट मिलती थी उसे बंद कर दिया था।
कोरोना काल में यह छूट बंद करना जायज था लेकिन कोरोना चले जाने को काफी समय चला गया है। सरकार द्वारा लोक प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को मिलने वाले लाभ में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की थी फिर देश के वरिष्ठ नागरिकों के साथ अन्याय क्यों ?
हमारे माननीय सांसदों को कोरोना काल से लगातार अब तक सभी तरह की सुविधा बरकरार है माननीय सांसदों को रेलवे में स्वयं एवं उनकी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति तीनों को मुफ्त में फर्स्ट एसी में यात्रा करने की सुविधा है। उधर पूर्व सांसदों को भी सांसद उनकी पत्नी एवं एक अन्य व्यक्ति को ताह उम्र सेकंड एसी में यात्रा करने की सुविधा उपलब्ध है जबकि सभी प्रकार की सुविधाएं देश के टैक्स पेयर यानी करदाता के पैसे से दी जाती है जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा कारोबारीयों के पास से देश की तिजोरी में राजस्व के नाम पर जमा किया जाता है सरकार को यह नहीं बोलना चाहिए। यदि रेलवे को घाटा है तो इस घाटे को क्यों न बराबर सभी पर बांटा जाए केवल देश के बुजुर्ग महिलाओं एवं पुरुषों पर ही उनको दी जाने वाली छूट समाप्त करके घाटा पूरा किया जाए।
हम देश के माननीय रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णवजी से मांग करते हैं कि रेलवे में कोरोना काल से पूर्व बुजुर्ग महिलाओं व बुजुर्ग पुरुषों को टिकट में दी जाने वाली छूट बहाल की जाए 58 वर्ष से ऊपर की महिला बुजुर्गों को 50% की छूट तथा पुरुष बुजुर्गों को 60 वर्ष से ऊपर 40% की छूट जारी की जाए ताकि देश के बुजुर्ग अपना जीवन यापन सुविधा पूर्वक चला सके।