*अमेजॉन और फ्लिपकार्ट का फिर एक बार फर्जीवाड़ा आया सामने*
*कब खुलेगी भारत सरकार की आंखें : शंकर ठक्कर*

*अमेजॉन और फ्लिपकार्ट का फिर एक बार फर्जीवाड़ा आया सामने*
*कब खुलेगी भारत सरकार की आंखें : शंकर ठक्कर*
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया विदेशी ऑनलाइन कंपनियों जिन में खासकर दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियां अमेजॉन और फ्लिपकार्ट द्वारा भारत देश के कानून को ताक पर रख कर ओर अनैतिक तौर तरीके अपना कर किए जा रहे व्यापार के संबंध में कई बार हमने भारत सरकार की आंखें खोलने के लिए शिकायत की है लेकिन सरकार गहरी नींद में सोई हुई है या व्हाइट हाउस के दबाव के चलते कार्यवाही नहीं हो पा रही थी ?।
बार-बार शिकायतों के बाद सरकार ने संज्ञान लेकर बीआईएस ने घटिया क्वालिटी का सामान बेच रहे अमेजन-फ्लिपकार्ट के गोदामो में छापे मार ने पर इन में जूते से मिक्सर तक 76 लाख के प्रोडक्ट्स बरामद कर जब्त किए गए।
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनीज अमेजन और फ्लिपकार्ट फिर सवालों के घेरे में है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अमेजन तथा फ्लिपकार्ट के गोदामों पर छापेमारी की और ऐसे हजारों उत्पादों को जब्त किए जिनका उचित गुणवत्ता प्रमाणपत्र नहीं था। सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, मोहन सहकारी औद्योगिक क्षेत्र में अमेजन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के गोदाम में 19 मार्च को 15 घंटे की कार्रवाई में बीआईएस अधिकारियों ने गीजर तथा फूड मिक्सर सहित 3,500 से अधिक इलेक्ट्रिकल उत्पाद जब्त किए, जिनकी कीमत करीब 70 लाख रुपये है।
इसमें में कहा गया, फ्लिपकार्ट की सब्सिडरी कंपनी इंस्टाकार्ट सर्विसेज के गोदाम में भी छापेमारी की गई। वहां से 590 जोड़ी ‘स्पोर्ट्स फुटवियर’ जब्त किए गए जिन पर आवश्यक विनिर्माण चिह्न नहीं थे। इनकी कीमत करीब छह लाख रुपये आंकी गई है।
यह कार्रवाई गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए बीआईएस द्वारा चलाए जा रहे व्यापक राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है। पिछले महीने दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, लखनऊ और श्रीपेरंबदूर सहित कई स्थानों पर इसी तरह की छापेमारी की गई थी। बयान में कहा गया कि ये छापे उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्पाद गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वर्तमान में, 769 उत्पाद श्रेणियों को भारतीय विनियामकों से अनिवार्य प्रमाणन की आवश्यकता है। उचित लाइसेंस के बिना इन वस्तुओं को बेचने या वितरित करने पर कानूनी दंड लग सकता है, जिसमें 2016 के बीआईएस अधिनियम के तहत संभावित कारावास तथा जुर्माना भी शामिल है। अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अभी तक इन छापेमारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले बीआईएस ने लखनऊ में भी अमेजन और फ्लिपकार्ट के गोदाम पर छापे मारकर नकली सामान जब्त किया था।
*शंकर ठक्कर ने आगे कहा भारत सरकार गहरी नींद से जागे और भारत के लोगों को नकली सामान बेचने वाले और भारत के कानून को ताक पर रख कर अनैतिक तौर तरीके अपना कर व्यापार करने वाली इन ई-कॉमर्स कंपनियों को तुरंत बंद करें जिससे भारत के उपभोक्ताओं के साथ हो रहे खिलवाड़ को बंद किया जा सके। यहां यह बताना भी आवश्यक है कि यदि एक छोटे व्यापारी द्वारा इस प्रकार का कृत्य किया जाता तो उसके खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाती फिर कानून तो सब के लिए एक होना चाहिए। लेकिन सरकार इन बड़ी कंपनियो पर इतनी मेहरबान क्यों है ?*