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*उद्यमियों को प्रताड़ित करने वालों का खिलाफ मकोका के तहत कार्यवाही की जाए : देवेंद्र फडणवीस*

 

*उद्यमियों को प्रताड़ित करने वालों का खिलाफ मकोका के तहत कार्यवाही की जाए : देवेंद्र फडणवीस*

*देवेंद्रजी आपने निश्चित तौर पर उद्यमियों का दिल जीत लिया है : शंकर ठक्कर*

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी द्वारा पुणे के पास में पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त मुख्यालय के भूमि पूजन के वक्त अपने वक्तव्य में पुलिस को कड़े निर्देश देते हुए इशारा दिया की किसी भी दल के नेता द्वारा उद्यमियों को यदि प्रताड़ित किया जाता है तो वह चाहे भाजपा, शिवसेना (शिंदे) एनसीपी (दादा) गुट का भी क्यों ना हो उसके खिलाफ मकोका कानून के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए जिसे पूरे महाराष्ट्र की पुलिस प्रशासन द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा, यह तय है। कई औद्योगिक क्षेत्रों में तथाकथित समाजसेवक, होर्डिंग लगाने वाले नेता, जबरन वसूली करने वाले, रसीद के नाम पर वसूली करने वाले लोग अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराकर, अधिकारियों से मिलीभगत करके या उन्हें ब्लैकमेल कर, विभिन्न तरीकों से समाजसेवा का दिखावा करने का प्रयास करते हैं। और फिर शुरू होता है मध्यस्थों का खेल।

इनका मुख्य हथियार पर्यावरण नियमों की पूर्ति, अतिक्रमण (जो कि उद्यमियों द्वारा अपनी भूमि पर आवश्यकतानुसार बनाए गए अतिरिक्त शेड होते हैं) और यदि यह भी संभव न हो तो श्रमिक हितों के नाम पर अशांति पैदा करना होता है।

पहले से ही आर्थिक संकट, विभिन्न नियमों का पालन, घटता व्यवसाय, कम होता लाभ, बढ़ता खर्च, बैंक का कर्ज चुकाने की चिंता, खाता NPA न हो जाए इसकी जद्दोजहद, पारिवारिक जिम्मेदारियों आदि के बोझ से दबा उद्यमी खुलकर विरोध करने की स्थिति में नहीं होता।

उद्यमियों के बीच यह भावना बढ़ सकती है कि हर कोई उनके खिलाफ है, लेकिन इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्रजी फडणवीस ने हमेशा ही कठोर और भरोसेमंद रुख अपनाया है,जो स्वागत योग्य है इस निवेदन के द्वारा मुख्यमंत्री जी ने उद्यमियों के दिलों को जीतकर अपनी विशिष्ट जगह बना ली है।

उन्होंने ऐसे तत्वों पर सीधी कार्रवाई कर उनके खिलाफ MCOCA (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस प्रशासन को दिए हैं। उपरोक्त वर्णित प्रकार की प्रवृत्तियाँ यदि कहीं भी सिर उठा रही हों, तो उनकी मंशा और शिकायत की वास्तविकता की पुष्टि कर तुरंत या गुप्त रूप से शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

*शंकर ठक्कर ने आगे कहा ऐसे सामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस प्रशासन और संबंधित अधिकारी निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे। इस उचित निर्णय के लिए मा. मुख्यमंत्री महोदय जिनके पास गृह मंत्रालय की भी जिम्मेवारी है का जितना भी आभार प्रकट किया जाए, वह कम है।*

विकसित भारत तभी बन पाएगा जब राज्य विकसित होंगे जिसके लिए इस ‘ऑफ डूइंग बिजनेस’ जो कि प्रधानमंत्री जी का स्वप्न है धरातल पर चरितार्थ होना आवश्यक है। इसलिए विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को भी उद्यमियों को सहयोग करना होगा।

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