*प्रतिस्पर्धी तेलों के मुकाबले दाम ज्यादा होने से भारत का पाम तेल का आयात 14 साल के निचले स्तर पर पहुंचा*

*प्रतिस्पर्धी तेलों के मुकाबले दाम ज्यादा होने से भारत का पाम तेल का आयात 14 साल के निचले स्तर पर पहुंचा*
*आगे भी प्रतिस्पर्धी तेलों के मुकाबले दाम ऊपर रहने पर आयात के कई वर्षों के रिकॉर्ड टूट सकते हैं : शंकर ठक्कर*
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया जनवरी में भारत का पाम तेल का आयात लगभग 14 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी तेलों के मुकाबले दाम ज्यादा होने एवं रिफाइनरो को पाम तेल के लिए नकारात्मक रिफाइनिंग मार्जिन के कारण उष्णकटिबंधीय तेल की जगह सस्ते प्रतिद्वंद्वी सोया तेल का इस्तेमाल करने से आयत में इतनी बड़ी गिरावट आई है।
वनस्पति तेलों के दुनिया के सबसे बड़े खरीदार भारत द्वारा पाम तेल के कम आयात से बेंचमार्क मलेशियाई पाम ऑयल की कीमतों पर असर पड़ सकता है, लेकिन इससे अमेरिकी सोया तेल वायदा को समर्थन मिल सकता है।
जनवरी में पाम तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में 46% गिरकर 272,000 मीट्रिक टन रह गया, जो मार्च 2011 के बाद सबसे कम है। भारत ने अक्टूबर 2024 में समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में हर महीने औसतन 750,000 टन से अधिक पाम तेल का आयात किया गया है।
रॉयटर्स ने पिछले महीने रिपोर्ट दी थी कि जनवरी में पाम ऑयल का आयात कई वर्षों के निचले स्तर पर आ जाएगा, क्योंकि रिफाइनर सोया ऑयल की ओर रुख कर रहे हैं।
जनवरी में सोया तेल का आयात एक महीने पहले की तुलना में 4% बढ़कर 438,000 मीट्रिक टन हो गया, जो सात महीनों में सबसे अधिक है, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात 9.5% बढ़कर 290,000 मीट्रिक टन हो गया।
पाम तेल में की कम शिपमेंट के कारण जनवरी में देश का कुल खाद्य तेल आयात 15.6% घटकर 1 मिलियन टन रह गया, जो 11 महीनों में सबसे कम है।
पाम तेल आमतौर पर सोया तेल वायदा और सूरजमुखी तेल की तुलना में छूट पर कारोबार करता है, लेकिन गिरते स्टॉक और बायोडीजल बनाने में बढ़ रहे इस्तेमाल ने इसके दाम प्रतिद्वंद्वी तेलों से ऊपर उठा दिए हैं, जिनकी आपूर्ति प्रचुर मात्रा में है।
भारत के कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा पारंपरिक रूप से आधे से अधिक होता है, लेकिन एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार इसका हिस्सा 30% से नीचे आ गया है।
भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल खरीदता है, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील से सोया तेल एवं रूस और यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात करता है।
*शंकर ठक्कर ने आगे कहा आगे भी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी तेलों मसलन सोया एवं सूरजमुखी तेलों के मुकाबले पाम तेल के दाम ऊपर रहेंगे तो आयत में बड़ी गिरावट आने से पुराने कई वर्षों के रिकॉर्ड टूट सकते है ।