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*महाकुंभ 2025: 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान – कैट राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक सांसद प्रवीन खंडेलवाल*

 

*महाकुंभ 2025: 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान – कैट राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक सांसद प्रवीन खंडेलवाल*

*महाकुंभ से भारत के व्यापारिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर आर्थिक दृष्टि से हुआ सकारात्मक प्रभाव : शंकर ठक्कर*

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया 144 वर्षों के संयोग के बाद तीर्थ नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान 45 दिनों में लगभग 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद है, जिससे अनुमानित रूप से 3 लाख करोड़ रुपये (₹3,00,000 करोड़ या लगभग $360 बिलियन) से अधिक के माल तथा सेवाओं के ज़रिए बड़े व्यापार के होने का अनुमान है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने इस संदर्भ में अधिक जानकारी देते हुए कहा की विश्व के इस सबसे बड़े मानव समागम ने यह स्थापित कर दिया है कि आस्था में अर्थव्यवस्था का भी समावेश होता है और भारत में सनातन अर्थव्यवस्था की जड़ें काफ़ी मजबूत है जो देश की मुख्य अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा भी है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीया ने कहा कि महाकुंभ प्रारम्भ होने से पूर्व एक अनुमान के अनुसार महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के आगमन के आने की संभावना के साथ लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था लेकिन पूरे देश में महाकुंभ को लेकर लोगों के अभूतपूर्व उत्साह के कारण उम्मीद की जा रही है कि 26 फरवरी तक लगभग 60 करोड़ लोग महाकुंभ में आयेंगे जिससे लगभग तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के बड़े व्यापार होने की संभावना है जिससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिली है तथा व्यापार के नए अवसरों का सृजन भी हुआ है।

कैट के राष्ट्रीय चेयरमैन बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार अब तक 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं, और लगातार भारी मात्रा में प्रतिदिन लोगों का महाकुंभ में जाना जारी है।

*शंकर ठक्कर ने महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव को रेखांकित करते हुए बताया कि अनुमान के अनुसार व्यापार के अनेक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियों को बल मिला है जिसमें प्रमुख रूप से अतिथि सत्कार एवं आवास,खाद्य एवं पेय पदार्थ, फल,फूल,परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स,धार्मिक वस्त्र, पूजा सामग्री एवं हस्तशिल्प सहित अन्य अनेक वस्तुएं, कपड़ा, परिधान एवं अन्य उपभोक्ता वस्तुएं, स्वास्थ्य सेवाएं एवं वेलनेस सेक्टर, धार्मिक दान एवं अन्य धार्मिक आयोजन , मीडिया, विज्ञापन एवं मनोरंजन, बुनियादी ढांचा विकास एवं नागरिक सेवाएं, टेलीकॉम, मोबाइल, ए आई तकनीक, सीसीटीवी कैमरा, साउंड सिस्टम, डेकोरेशन सामग्री, टेंट बनाने इत्यादि और अन्य तकनीकी उपकरणों के उपयोग आदि में बड़ा व्यापार हो रहा है जिससे बड़ी मात्रा में लोगों को रोजगार भी मिला है।*

खंडेलवाल ने कहा कि प्रयागराज के अलावा 150 किमी के दायरे में स्थित अन्य शहरों और गांवों में भी महाकुंभ के कारण व्यापक व्यापारिक लाभ हुआ है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिला है वहीं अयोध्या में श्री राम मंदिर, वाराणसी में भगवान भोलेनाथ, मां विंध्यवासिनी तथा आस पास के शहरों में भी लोग बड़ी संख्या में अन्य देवी देवताओं के दर्शन एवं पूजन हेतु जा रहे हैं , जिससे भी बड़े पैमाने पर स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बल मिला है।

*शंकर ठक्कर ने आगे कहा कि महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक आयोजन साबित होगा,जो न केवल धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह भारत के व्यापारिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर एक सकारात्मक प्रभाव डालेगा और आने वाले वर्षों के लिए एक नया आर्थिक मानदंड स्थापित करेगा।*

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