*कारोबारीयों की अनदेखी करना आम आदमी पार्टी को पड़ गया भारी*

*कारोबारीयों की अनदेखी करना आम आदमी पार्टी को पड़ गया भारी*
*कारोबारीयों की अनदेखी करने वाले दलों को आगे भी सबक सिखाएंगे : शंकर ठक्कर*
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया दिल्ली में विधानसभा चुनाव में आम आदमी की पार्टी की हार में कारोबारीयों की अहम भूमिका रही है।
देशभर में कोई भी धार्मिक या सामाजिक कार्य हो,आपदा या महामारी हो, धर्मशाला, स्कूल, अस्पताल जैसे कार्यों में सबसे आगे खड़े रहने वाले देश के जीडीपी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कारोबारीयों को राजनीतिक दलों द्वारा अनदेखा किया जाता है लेकिन अब यह दिन चले गए हाल ही में दिल्ली चुनाव में इसका असर देखने को मिला आम आदमी पार्टी द्वारा पिछले चुनाव में कारोबारीयों को कई वादे किए थे लेकिन उसको पूरा नहीं किया गया और सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया।
कई बाजारों के सौंदर्यकरण करने की घोषणा कर काम नहीं किया गया। इसके अलावा शॉपिंग फेस्टिवल सिर्फ कागजों पर रह गया। दिल्ली बाजार पोर्टल पर कोई काम नहीं होना। औद्योगिक क्षेत्रों का फ्री होल्ड नहीं होना। महंगी बिजली, बाजरो की खस्ता हालत जैसे कई मुद्दों ने कारोबारीयों को प्रभावित किया नतीजतन 25 से अधिक सीटों पर कारोबारीयों ने आम आदमी के खिलाफ अपना आक्रोश मतदान के माध्यम से प्रकट किया।
कैट दिल्ली के अध्यक्ष विपिन आहूजा ने बताया कि अतिक्रमण, बिजली के खुले जर्जर तारों से बाजारों में भयावह स्थित दूसरी तरफ टूटी सड़कें, ट्रैफिक से जाम सड़कें, बाजारों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव जैसी कई समस्याओं के कारण कारोबारीयों ने बीजेपी के समर्थन में खुलकर मतदान किया जिसके चलते भाजपा की प्रचंड जीत हुई।
*शंकर ठक्कर ने आगे कहा जो भी राजनीतिक दल कारोबारीयों की अनदेखी करेगा उन्हें आगे भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कारोबारी अब जाग चुके हैं इसके लिए हर राजनीतिक दल को पूरा न्याय देना चाहिए।*