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*ईपीआर को उद्यमिता के विस्तार का अवसर मानें: खंडेलवाल*

 

*ईपीआर को उद्यमिता के विस्तार का अवसर मानें: खंडेलवाल*

*इंडिया क्लाइमेट समिट 2025 में बोले सांसद खंडेलवाल*

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कल नई दिल्ली के होटल ली मेरिडियन में इंडियन ईपीआर एलायंस द्वारा आयोजित एक इंडिया क्लाइमेट समिट 2025 को संबोधित करते हुए चांदनी चौक के सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (EPR) को सिर्फ एक बाध्यता के रूप में देखने के बजाय एक बड़े अवसर के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यापारी, रिटेलर और थोक विक्रेता भारत की सर्कुलर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के समावेशी विकास के विजन को आगे बढ़ाने के अनुरूप है।

खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत मिशन LiFE, स्वच्छ भारत अभियान और 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य जैसी पहलों के माध्यम से स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपशिष्ट (वेस्ट) प्रबंधन, संसाधन दक्षता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने में ईपीआर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि अब तक अपशिष्ट प्रबंधन मुख्य रूप से अनौपचारिक कचरा बीनने वालों और छोटे रीसाइक्लर्स पर निर्भर रहा है, लेकिन ईपीआर एक संरचित ढांचा प्रदान करता है जो व्यापारियों, निर्माताओं और नीति-निर्माताओं को आपस में जोड़ता है। उन्होंने प्लास्टिक, पैकेजिंग, ई-वेस्ट और स्क्रैप क्षेत्रों में छोटे व्यापारियों को अधिकृत कलेक्शन पार्टनर बनने का आह्वान किया ताकि वे ईपीआर अनुपालन को अपनाकर अपनी आय को स्थिर कर सकें और व्यापार का विस्तार कर सकें।

खंडेलवाल ने सरकार द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म, प्रशिक्षण और वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से ईपीआर अनुपालन को सरल बनाने के प्रयासों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र आने वाले वर्षों में एक बहु-अरब डॉलर (मल्टी-बिलियन डॉलर) का उद्योग बनने जा रहा है,जो छोटे व्यवसायों के लिए व्यापक आर्थिक अवसर खोलेगा।

खंडेलवाल ने सरल अनुपालन प्रक्रियाओं और व्यापार, रीसाइक्लिंग उद्योग व नीति-निर्माताओं के बीच मजबूत सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने व्यापार जगत से भारत के हरित (ग्रीन) परिवर्तन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने CMAI द्वारा लॉन्च किए गए इंडिया ईपीआर एलायंस का स्वागत करते हुए इसे देश की अपशिष्ट प्रबंधन यात्रा में एक मील का पत्थर बताया।

 

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