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*बच्चों की शिक्षा की और बेहतर बनाने के लिए अनोखे मैथड का आयोजन*

*बच्चों की शिक्षा की और बेहतर बनाने के लिए अनोखे मैथड का आयोजन*

*रामकिशोर यादव लखनऊ*

 

मलिहाबाद। क्लासिक मान्टेसरी हाई स्कूल ने बी एकलव्य के बैनर तले शिक्षण सेमिनार का आयोजन किया जिसमे बच्चे,अभिभावक और शिक्षक पहुंचे जिन्होंने बी एकलव्य के फाउंडर राकेश भटनागर व उनकी टीम के द्वारा स्टडी प्रोसेसिंग से बच्चों की पढ़ने की विधि का विस्तार से जानकारी दी।अनोखे तरीके को जानकर अभिभावक और शिक्षक काफी खुश नजर आए।

बुधवार क्लासिक मान्टेसरी हाई स्कूल ‌द्वारा विशेष शैक्षणिक सेमिनार का आयोजन हुआ।शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों ने विद्या की देवी मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर और बच्चों ने सरस्वती वंदना का गायन कर किया। जिसमें बच्चों ने सबके सामने स्वयं से चैप्टर बना कर बोर्ड पर व्याख्यान दिया।कार्यक्रम में बी एकलव्य के फाउंडर और स्टडी प्रोसेसिंग के जनक राकेश भटनागर ने बच्चों की शिक्षा को सरल और आसान बनाने के विशेष नए तरीके बताए। उन्होंने कार्यक्रम में अनेकों उदाहरण और डेमो दिखाते हुए बताया कि देश का हर बच्चा पढ़ना चाहता लेकिन रटने रटाने की व्यवस्था के कारण बच्चा डिप्रेशन में आ जाता है और पढ़ाई को बोझ समझते हुए उसके बोझ तले दब जाता है। स्टडी प्रोसेसिंग का तरीका ना केवल बच्चों की पढ़ाई में रुचि बनाता है बल्कि हर बच्चे को क्रिएटर बनाते हुए उसे सफलता के शिखर तक पहुंचाने का कार्य करता है। बच्चे इस तरीके से पढ़कर एक प्रशिक्षक की भूमिका निभाते है और उनकी बु‌द्धि का विकास बहुत ही तेजी से होता है। जो भी बच्चा अथवा विद्यार्थी किसी भी क्लास, कंपटीशन, प्रतियोगी परीक्षाओं आदि की पढ़ाई स्टडी प्रोसेसिंग से करता है तो कभी भी डिप्रेशन का शिकार नहीं हो सकता। स्टडी प्रोसेसिंग का तरीका बच्चे में पढ़ने की प्रबल इच्छा को जगाता है। इस मैथड से पढ़ने वाले बच्चे को कभी भी याद करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और परीक्षाओं में अव्वल नंबर लेकर आता है। आपको बता दें कि बी एकलव्य देश के कोने कोने में बच्चों को आत्मनिर्भर बनाते हुए सेल्फ स्टडी कार्यक्रम के अनोखे और अ‌द्भुत मैधड़ पर कार्य कर रहा है। बी एकलव्य समूचे देश का इकलौता ऐसा प्लेटफार्म में जहां बच्चों को क्रिएटिव बनाते हुए सेल्फ स्टडी शिक्षा पद्धति पर कार्य करते हुए तन मन और धन से लगा हुआ है। देश के अधिकतर बच्चे पढ़ाई से जी चुराते है, लेकिन बी एकलव्य ऐसा प्लेटफार्म है जहां बच्चों को इस प्रकार तैयार किया जाता है कि बच्चे ना केवल स्वयं से खुद पढ़ाई करते हैं बल्कि विद्यालय में पढ़ाई जाने वाली पढ़ाई से हमेशा एक कदम आगे चलकर अपने आप को सभी से अलग पाते है। बच्चों की पढ़ाई का यह अद्‌भुत तरीका समूचे देश भर के बच्चों और उनके अभिभावकों में वर्तमान शिक्षा की विसंगतियों को कई पैमानों पर आसन और सरल सिद्ध कर रहा है जिससे बच्चे इस प्लेटफार्म पर अपनी अंदर की क्रिएटिवटी को बाहर निकाल कर उदाहरण पेश कर रहे है। इस दौरान बी एकलव्य परिवार के फाउंडर राकेश भटनागर, ऋषभ, निखिल, तृप्ति व गर्वित भटनागर, स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद फैसल खान, प्रधानाचार्य शाइस्ता फाजील व कोऑर्डिनेटर विजय कुमार सैनी समेत समस्त स्टाफ मौजूद रहा।प्रबंधक फैसल खान ने बताया बी एकलव्य परिवार मेरे वि‌द्यालय में पिछले 15 दिन से लगातार विद्यालय के स्टाफ व बच्चों को प्रशिक्षण देने में लगा है। मुझे अपने विद्यलय के बच्चों में काफी बदलाव दिखाई दे रहा है। वि‌द्यालय में आये हुए अभिभावकों से भी बात करने पर पता चला कि इस नए स्टडी प्रोसेसिंग मेथड से बच्चे अब घर पर बिना कहे खुद से पढ़ाई करते दिखाई देते है अभिभावक इस नए प्रासेस से बहुत संतुष्ट दिखाई दिए।इसी के साथ ऋषभ भटनागर की पुस्तक पढ़ाई बोझ से बोध तक का विमोचन भी बी एकलव्य के फाउंडर राकेश भटनागर व क्लासिक मान्टेसरी हाई स्कूल के प्रबंधक फैसल खान द्वारा किया गया।

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