### **WFFI ने शुरू की “एकता की बिगुल” पहल, हाशिए पर मौजूद महिलाओं को सशक्त बनाने और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का संकल्प**

**WFFI ने शुरू की “एकता की बिगुल” पहल, हाशिए पर मौजूद महिलाओं को सशक्त बनाने और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का संकल्प**
**नई दिल्ली, 1 जनवरी 2024**: महिला फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFFI) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश शर्मा के नेतृत्व में आज एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की। इस अवसर पर, श्री शर्मा ने उत्तर प्रदेश के राज्य महासचिव श्री इज़हार अहमद और राष्ट्रीय समन्वय समिति की सदस्य सुश्री ज़किया पी. खान के साथ पवित्र ग्रंथों का आदान-प्रदान किया, जो एकता और सद्भाव का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम में, श्री शर्मा ने श्री इज़हार अहमद को पवित्र क़ुरान भेंट की, जबकि सुश्री ज़किया पी. खान ने श्री शर्मा को पवित्र गीता भेंट की। यह आदान-प्रदान WFFI की भारत की विविधता को सम्मान देने और धार्मिक मतभेदों को पाटने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर **”एकता की बिगुल”** पहल का भी शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य समुदायों को एकजुट करना और हाशिए पर मौजूद महिलाओं को सशक्त बनाना है, खासकर उन महिलाओं को, जो सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
कार्यक्रम में श्री मुकेश शर्मा ने कहा, *”हम सिर्फ फुटबॉल खेलने के लिए नहीं हैं, हम यहां नई कहानियां लिखने आए हैं। हमारा उद्देश्य हाशिए पर मौजूद महिलाओं को कोयले की खदानों से निकालकर उन्हें हीरा बनाना है। खेलों के माध्यम से हम एकता, सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। ऐसे समय में जब कुछ लोग धर्म के नाम पर विभाजन फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, हम पुल बनाने के लिए एकजुट खड़े हैं, दीवारें खड़ी करने के लिए नहीं।”*
इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए, श्री शर्मा ने फेडरेशन में सभी प्रमुख धर्मों के गुरुओं को शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, ताकि WFFI एकता और सद्भाव का प्रतीक बन सके।
इस पहल के हिस्से के रूप में, श्री शर्मा ने घोषणा की कि **11 जनवरी 2024** को एक दोस्ताना फुटबॉल मैच का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एसिड अटैक सर्वाइवर्स और दिव्यांगजन भी शामिल होंगे। यह मैच WFFI की समावेशिता और खेलों के माध्यम से बदलाव की शक्ति को प्रदर्शित करेगा।
राष्ट्रीय समन्वय समिति की नई सदस्य, सुश्री ज़किया पी. खान ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, *”यह पहल देशभर की महिलाओं के लिए आशा की किरण है। यह दिखाती है कि खेल कैसे जाति, धर्म और संप्रदाय की बाधाओं को पार करके एक बेहतर, एकजुट समाज बना सकते हैं।”*
नए साल के पहले दिन आयोजित यह कार्यक्रम WFFI के प्रयासों की शुरुआत का प्रतीक है, जो फुटबॉल को सशक्तिकरण और सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूप में उपयोग करता है। श्री शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि 11 जनवरी को होने वाला यह मैच साहस और एकता का उत्सव होगा, जो उन व्यक्तियों की भावना को दर्शाएगा जो अपनी चुनौतियों से परे जाकर प्रेरणा बनते हैंl
महिला फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया