*पाम तेल की कीमतें काफी ऊपर होने से भारत में सोयाबीन, सूरजमुखी तेल का आयात 13% बढ़ा*

*पाम तेल की कीमतें काफी ऊपर होने से भारत में सोयाबीन, सूरजमुखी तेल का आयात 13% बढ़ा*
*नेपाल एवं अन्य सार्क देशों से से बिना शुल्क आयत हो रहे खाद्य तेलों पर नकेल कसे सरकार : शंकर ठक्कर*
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया मलेशिया में लगातार आम तेल के उत्पादन में गिरावट आने से एवं इंडोनेशिया द्वारा पाम तेल का इस्तेमाल जैव ईंधन बनाने में बड़ा देने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाम तेल के दाम अन्य तेलों के मुकाबले काफी ऊपर चल रहे हैं जिस के चलते भारत में अब सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिल रहा है। भारत ने तेल वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के पहले दो महीनों में खाद्य तेलों के आयात में 13.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
देश ने तेल वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों के दौरान 27.25 लाख मीट्रिक टन खाद्य तेलों का आयात किया, जबकि पिछले साल यह 24.55 लाख मीट्रिक टन था।
पाम तेल (आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल सहित) का आयात तेल वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों में घटकर 13.42 लाख मीट्रिक टन रह गया, जबकि पिछले साल यह 17.63 लाख मीट्रिक टन था।
भारत का सोयाबीन तेल आयात 173.78 प्रतिशत बढ़कर 8.28 लाख मीट्रिक टन हो गया (पिछले साल 3.02 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले)
भारत ने तेल वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों के दौरान 6.05 लाख मीट्रिक टन सूरजमुखी तेल का आयात किया (पिछले साल 3.89 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले)
*भारत सरकार द्वारा आयाति तेलों पर शुल्क बढ़ाने से सार्क देश जहां पर से भारत के सार्क देश से बिना शुल्क आयत करार का गैर लाभ उठाते हुए बिना शुल्क तेलों की आयत धड़ल्ले से हो रही है जिसका खामियाजा भारत सरकार को अपने राजस्व गंवा कर करना पड़रहा है। इसलिए भारत सरकार को तुरंत आवश्यक कदम उठाकर इस पर नकेल कसनी चाहिए जिससे कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को मिल रहा लाभ बंद हो और भारत के राजस्व का नुकसान होने से भी बचाया जा सके।*