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*एमएसएमई कंपनियों के लिए बजट के पूर्व एक अच्छी खबर

*एमएसएमई कंपनियों के लिए बजट के पूर्व एक अच्छी खबर*

*सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये तक कर्ज की नई गारंटी स्कीम शुरू करने से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को मिलेगी मजबूती : शंकर ठक्कर*

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया केंद्र सरकार द्वारा बजट पूर्व लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप बुधवार को एमएसएमई सेक्टर के लिए 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज समाहित करने वाली एक नई ऋण गारंटी योजना शुरू की है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए शुरू म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (MCGY-MSME) का उद्देश्य उपकरणों की खरीद के लिए पात्र उद्यमों को स्वीकृत 100 करोड़ रुपये तक की ऋण-सुविधा देने के लिए ‘सदस्य उधारी संस्थानों’ (एमएलआई) को राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) से 60 प्रतिशत गारंटी कवरेज देना है।

एमएसएमई को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। उधारकर्ता को वैध उद्यम पंजीकरण संख्या वाला एमएसएमई होना चाहिए। गारंटीकृत ऋण राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और उपकरणों की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि इस योजना में स्वीकृति वर्ष के दौरान ऋण पर वार्षिक गारंटी शुल्क शून्य होगा। यह शुल्क अगले तीन वर्षों के लिए पिछले वर्ष के बकाया ऋण का 1.5 प्रतिशत प्रति वर्ष होगा। उसके बाद वार्षिक गारंटी शुल्क पिछले वर्ष के 31 मार्च को बकाया कुल ऋण का एक प्रतिशत सालाना होगा। यह योजना एमसीजीएस-एमएसएमई के तहत योजना के परिचालन दिशानिर्देश जारी होने की तारीख से चार साल की अवधि के दौरान या सात लाख करोड़ की संचयी गारंटी जारी होने तक, जो भी पहले हो, स्वीकृत सभी ऋणों पर लागू होगी।

*शंकर ठक्कर ने सरकार द्वारा की गई स्कीम की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है। इसको मजबूत करने की दिशा में उठाया गया यह कदम सराहनीय है। निश्चित तौर पर छोटे उद्योग इस योजना का लाभ लेकर अपना व्यापार बढ़ाएंगे जिससे रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। हम संगठन की ओर से केंद्र सरकार, वित्त मंत्री और एमएसएमई मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं।*

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