*53 दिनों से वनविभाग को नाक के चने चाबुवा रहा बाघ विभाग के हर क़दम को चकमा देकर निडर होकर घूम रहा बाघ*
*53 दिनों से वन विभाग को नाक के चने चाबुवा रहा बाघ विभाग के हर क़दम को चकमा देकर निडर होकर घूम रहा बाघ*
*लगभग 45 से 50 गांव में बाघ कि दहशत बरकरार*
*हलुवापुर जंगल के बहता नाले रास्ते होते हुए फतेहनगर पहुंचा बाघ*
*53 दिनों में 38 लाख खर्च 20 लाख की विभाग से और मांग*
*रामकिशोर यादव लखनऊ ब्यूरो चीफ*
लखनऊ लखनऊ रहमान खेड़ा इलाके में पिछले 53 दिनों से बाघ की चहल कदमी से लोगों में दहशत बरकरार है डीएफओ सीतांशु पांडे ने बताया कि हलुवापुर जंगल के बहता नाले रास्ते होते हुए फतेहनगर पहुंच गया है बाघ पर एक्सपर्ट के मुताबिक 10 से 12 घंटे पुराने हैं पद चिन्ह फतेहनगर गांव के पास कोई भी शिकार नहीं किया उसके बाद निकल गया वहां से
इसको पकड़ने के लिए 9 टीमों बराबर उनके द्वारा कॉम्बिंग जारी हैं गौरतलब हैं कि रहमान खेड़ा क्षेत्र में 53 दिनों से ज्यादा बाघ कि मौजूदगी से आसपास के गांव में दहशत बरकरार है
दहशत के बीच,गांव, मीठे नगर हाफिस खेड़ा बहेलिया फतेहनगर शिवदासपुर दुगोली बुधाडीया गांव कटौली भट्टखेरवा हलुवापुर सहिलामऊ व अन्य सहित गांव में दहशत का माहौल वन विभाग की टीम बराबर ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए जागरूक कर रही रहमान खेड़ा फार्म से निकलकर बाघ ने फतेहनगर बहेलिया, भट्टखेरवा, बंसीग़ड़ी के जंगल में अपना नया ठिकाना बना लिया वही पूर्व ग्राम प्रधान मदन रावत ने बताया कि ग्रामीणों ने सुबह अपने खेत की तरफ जाते हुए देखा तभी वन विभाग को दी गई सूचना मौके पर पहुंची टीम लिया मौके का जायजा
डीएफओ डॉक्टर सुधांशु पांडे ने बताया कि जून 1 में लोकेशन मिली है बाकी हम लोग पूरी टीम के साथ मिनिमम मोमेंट करके उसे पर कार्यवाही कर रहे हैं सहित लाइव कैमरा थर्मर ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है
पकड़ने के लिए आए दिन कुछ ना कुछ बदलाव किया जा रहा है और इसके साथ-साथ क्षेत्र में चारों तरफ ग्रामीणों को सतर्क के साथ साथ जागरूक किया जा रहा है कई बार तो बाघ को पकड़ने के लिए ट्रैपिक केज व गड्ढे बनाए गए और उसके आसपास पड़वा बांधा गया पर उसको मारने के बाद व वहां से चला गया
*हथिनी डायना और सुलोचना बाघ पकड़ने के लिए बराबर कर रही कम्बिंग*
हथिनी डायना और सुलोचना बाघ पकड़ने के लिए बराबर कर रही कम्बिंग पर उनकी भी पकड़ से दूर बाघ अपना रोज आशियाना अलग ही बना रहा है ग्रामीणों ने बताया कि बाघ दिन में सोता है और रात में शिकार के लिए निकलता है इसलिए वन विभाग उसे पकड़ने में नाकाम है क्योंकि वन विभाग की टीम रात्रि में उनकी कम्बिंग बराबर नहीं कर पा रही है अगर पग चिन्ह के आधार पर रात में कम्बिंग किया जाए तो उसे जल्द पकड़ा जा सकता है बाघ ने अब तक 15 मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है बाघ से प्रभावित कुछ गांव में प्लाटून पीएसी तैनात करने का निर्णय डीएफओ के द्वारा लिया गया है
*हथिनी डायना और सुलोचना का भी भार बढ़ गया जो सोचा था इनके द्वारा बाघ को जल्दी पकड़ लिया जाएगा मिशन नाकाम होता दिखाई दे रहा*
बाघ कि दहशत से किसानों के फसलें बर्बाद होने की कगार में खास करके गोभी,मटर बैंगन आलू ,सहित अन्य फसले किसान देखरेख नहीं कर पा रहा इसके चलते फसले अस्त-व्यस्त हो रही हैं किसानों को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ रहा
एक्सपर्ट के अनुसार एक दिन शिकार करने के बाद बाघ चार दिन तक बिना खाए रह सकता है
आखिर कब पकड़ा जाएगा बाघ कब मिलेगी ग्रामीणों को बाघ कि दहशत से राहत एक बड़ा सवाल
इन क्षेत्रों में बाघ की दहशत पर बराबर खुल रहे स्कूल गांव फतेहनगर शिवदासपुर कसमंडी कला बहेलिया हाफिस खेड़ा गांवों में बराबर खोले जा रहे स्कूल इन गांव में काफी दूर से आते हैं पैदल बच्चे इस तरफ अधिकारियों का ध्यान ही नहीं जबकि बाघ की दहशत में ये गांव