वन नेशन वन इलेक्शन की तरह देश मे लागू हो वन एजुकेशन: आनन्द मोहन
बांग्लादेश मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाए सरकार: पूर्व सांसद

वन नेशन वन इलेक्शन की तरह देश मे लागू हो वन एजुकेशन: आनन्द मोहन
बांग्लादेश मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाए सरकार: पूर्व सांसद
किसान संगठन फसलों की मूल्यों की बजाय लड़ रहे भावी नस्लो की लड़ाई।
ज्ञानेश्वर बरनवाल ब्यूरो चीफ
कसया, कुशीनगर।
देश में सालभर चुनाव हो रहे हैं जो काफी खर्चीला साबित हो रहा है और धन की भी बर्बादी होती है। वर्ष 1952 में देश में चुनाव एक साथ होते थे। मध्यावधि चुनावों की वजह से यह व्यवस्था पटरी से उतर गई।
उक्त बातें बिहार के पूर्व सांसद व बाहुबली नेता आनन्द मोहन ने कुशीनगर स्थित होटल पथिक निवास में पत्रकारों से एक भेंट में कही। वह मंगलवार को जनपद के साखोपार में नवल स्मृति समरोह में भाग लेने आये थे। पूर्व सांसद श्री मोहन ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन का कदम सराहनीय है। इसी तरह सरकार वन नेशन, वन एजुकेशन लागू करे। श्री मोहन ने कहा कि वह ही पत्रकार रहे हैं और इमरजेंसी में जेल जा चुके हैं।पत्रकार सच का आईना दिखाता है। दिल्ली चुनाव को लेकर कहा कि हार जीत का अंतर काफी कम होगी। यूपी व बिहार के लोगों की इस चुनाव में बड़ी भूमिका होगी। बंग्लादेश मुद्दे पर कहा कि अनुसांगिक संगठन देश में इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं। जबकि सरकार को चाहिए कि विपक्ष को साथ लेकर सकारात्मक कदम उठाए। बिहार में नशा बंदी के बाद भी शराब बिक्री पर कहा कि इसके लिये पड़ोसी राज्यों को मिलकर कदम उठाना चाहिये। संविधान को लेकर कहा कि कांग्रेस सरकार में संशोधन अधिक हुआ है। भाजपा सरकार में नहीं के बराबर। उन्होंने किसान आंदोलन पर कहा कि ये संगठन फसलों के मूल्य के बजाय नस्ल की लड़ाई लड़ रहे हैं। दुनिया दो ध्रुओं में बंटी हुई है। कहा कि बुद्ध जगत गुरु थे जिन्होंने दुनिया के दो तिहाई देशों में भारतीयता का परचम लहराया। उन्होंने यूपी व बिहार सरकार से खेलों के प्रोत्साहन के लिए विशेष कदम उठाने की मांग की।
इस दौरान बीओसीडब्ल्यू बोर्ड सदस्य अभय प्रताप नारायण सिंह, एबीपीएसएस प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रताप नारायण सिंह, ग्रामप्रधान शैलेश प्रताप नरायण सिंह मौजूद रहे।