*नन्ही गौरैया, वन्य जीवो का संरक्षण हम सबका दायित्व : सितांशु पाण्डेय*
*नन्ही गौरैया, वन्य जीवो का संरक्षण हम सबका दायित्व : सितांशु पाण्डेय*
*रामकिशोर यादव लखनऊ ब्यूरो चीफ*
लखनऊ। मेरी प्यारी गौरैया संरक्षण समिति के अध्यक्ष महेश साहू (पंक्षी प्रेमी)द्वारा मोहान रोड स्थित ड्रीम चिल्ड्रेन एकेडमी में गौरैया व पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डीएफओ अवध सितांशु पाण्डेय उपस्थित रहे।
पक्षी प्रेमी महेश साहू ने मुख्य अतिथि डीएफओ अवध सितांशु पाण्डेय का पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। वही विधालय प्रबंधन के शिशिर श्रीवास्तव, ज्योति श्रीवास्तव, प्रिया श्रीवास्तव ने भी अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।
इस दौरान मेरी प्यारी गौरैया संरक्षण समिति की वेबसाइट की भी शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा की गई।
छात्र छात्राओ ने नन्ही गौरैया पर्यावरण पर कविता व गीत गाया जिसपर जमकर तालियां बजी। वही छात्र छात्राओ ने अपशिष्ट पदार्थ से नन्ही गौरैया के कृत्रिम घोंसले भी बनाए जिसने सब मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि सितांशु पाण्डेय ने कहा कि गौरेया हमारी फसलों को भी कीड़ों से बचाती है ।गौरैया को वापस बुलाने के लिए घर की छत पर दाना, पानी रखें और घर के आस-पास पेड़-पौधे लगाएं, क्योंकि यही गौरैया का प्राकृतिक परिवेश है शहर में नन्ही गौरैया को घोंसले बनानें का सुरक्षित स्थान मिलना मुश्किल है। इसलिए हम सबको नन्ही गौरैया को बचाने के लिए कृत्रिम घोंसले भी लगाने चाहिए। मेरी प्यारी गौरैया संरक्षण समिति द्वारा नन्ही गौरैया संरक्षण के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। नन्ही गौरैया, वन्य जीव, पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
पंक्षी प्रेमी महेश साहू ने कहा कि तेजी से बदलते शहर अब घरेलू गौरैया के लिए उपयुक्त आवास नहीं रह गए हैं , क्योंकि बुनियादी ढांचे के नए और आधुनिक डिजाइन में गौरैया के लिए घोंसला बनाने के लिए कोई जगह नहीं है; माइक्रोवेव टावरों और कीटनाशकों के कारण प्रदूषण; घरेलू गौरैया अपने चारागाह (प्राकृतिक) खो रही है। अभी समय रहते नन्ही गौरैया को बचाने के प्रयास हम सभी को करना चाहिए।
शिशिर श्रीवास्तव ने सम्बोधित करते हुए कहा कि नन्ही गौरैया हम सबकी घरेलू चिड़िया है हम सब पचपन में उसके साथ खेलते थे, लेकिन अब हम सबकी कुछ गलतियों की वजह से नन्ही गौरैया हम सब से दूर चली गई है इसलिए हम सबको नन्ही गौरैया को वापस बुलाने के प्रयास करने होंगे। नहीं वह दिन दूर नहीं जब नन्ही गौरैया केवल गूगल व किताबो में ही दिखाई देगी।
इस मौके पर ज्योति श्रीवास्तव, प्रिया श्रीवास्तव, मनीष गुप्ता, डॉ अंजू सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।