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*बालिका बधू बनने से बच गयी एक बेटी सामाजिक संस्थान,की सामूहिक पहल से रोका गया बाल विवाह*

*बालिका बधू बनने से बच गयी एक बेटी सामाजिक संस्थान,की सामूहिक पहल से रोका गया बाल विवाह*

*रामकिशोर यादव लखनऊ ब्यूरो चीफ*

लखनऊ मॉल,जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड हेल्पलाइन, वन स्टाप सेंटर थाना-माल और संवाद सामाजिक संस्थान,की सामूहिक पहल से रोका गया बाल विवाह।
6 दिसम्बर को तिलक एवं 10 दिसंबर को शादी सुनिश्चित थी। कार्ड छपकर बट गया था।
भारत सरकार ने 27 नवम्बर को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने का अभियान शुरू किया था। इसी अभियान के क्रम में विकास खण्ड माल के अर्न्तगत के 14 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी की सूचना प्राप्त हुई। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने विभिन्न माध्यम से उक्त सूचना की पुष्टि की व लड़की के नाबालिग होने के प्रमाण एकत्र किए जिसके अनुसार बच्ची की उम्र 13 वर्ष 11 माह लगभग थी। तत्पश्चात चाइल्ड लाइन जिला प्रोबेशन अधिकारी को सूचना देते हुए, उनके निर्देशानुसार सभी से समन्वय स्थापित किया और तत्काल बाल विवाह रोकने की रणनीति बनाई गई और आज दिनांक 6.12.2024 को उसकी तिलक चढने वाली थी। उसी समय संवाद सामाजिक संस्थान के आलोक मिश्रा, आकाश, चाइल्ड लाइन को आर्डिनेटर जया सिंह, अर्चना सिंह, केंद्र प्रबंधक, वन स्टाप सेंटर जिला बाल संरक्षण इकाई की सोशल वर्कर, नीलिमा शुक्ला व काउन्सलर सोनल श्रीवास्तव, उपनिरीक्षक सालिनी सोनकर एवं थानाध्यक्ष माल की संयुक्त टीम नाबालिग बच्ची के घर पहुंची और पीड़िता व परिवार से मिले।

परिवार को बताया गया कि नाबालिक बच्ची की शादी कानून अपराध है। इसमें दो वर्ष का सश्रम कारावास या एक लाख रूपये तक का जुर्माना या दोनो हो सकता है। काफी समझाने के उपरांत परिवार पीड़िता की शादी को रोकने के लिए राजी हुए और टीम को आश्वस्त करने के साथ ही लिखित रूप में अंडरटेकिंग भी दिया कि वह बच्ची की शादी 18 वर्ष की उम्र पूरी करने से पहले नहीं करेंगे। टीम ने परिवार को बच्ची की पढाई जारी रखने का सुझाव दिया है। परिवार को सरकार द्वारा शादी अनुदान योजना के बारे में भी बताया गया।

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